"आओ बैठो ,देश की बात करें"
आओ बैठो ,देश की बात करें
हृदयस्पर्शी , मुलाक़ात करें
कुछ खट्टी ,कुछ मीठी सी
यादों की बारात करें
आओ बैठो ,देश की बात करें।
चित्त को शीतल ,देनेवाली
लंबी -लंबी रात करें
आओ बैठो ,देश की बात करें।
रंग -बिरंगे सपनों वाले ,भारत का आगाज़ करें
परतंत्र विचारों को पिंजरों से ,कुछ क्षण तो आजाद करें
आओ बैठो ,देश की बात करें।
अखण्ड भारत के सपनों को ,मिलकर हम साकार करें
स्वर्णिम भारत हो देश हमारा ,सुनहरा एक इतिहास रचें
आओ बैठो ,देश की बात करें।
शोषित होती पीढ़ी का ,प्रखर एक आवाज बनें
विश्वपटल पे अंकित हो ,अमिट सी दिखती छाप बनें
आओ बैठो ,देश की बात करें।
मिथ्या से भरे इस जीवन में ,सच्चाई का रंग भरें
कलुषित होते आजादी को ,कलंकविहीन हम मिलके करें
आओ बैठो ,देश की बात करें।
"एकलव्य"
2 टिप्पणियां:
Very nice.love my India !
Beautiful expression, well done
एक टिप्पणी भेजें