"एकलव्य"
"एकलव्य की प्यारी रचनायें" एक ह्रदयस्पर्शी हिंदी कविताओं एवं विचारों का संग्रह
बुधवार, 8 फ़रवरी 2017
"तलाश"
"तलाश"
ग़म के आँसू निकल रहें हैं
आज जो तेरे नैनों से
मोती बनकर सरक रहें हैं ,आज जो तेरे अखियों से ,
यादें बनकर कल आयेंगी ,सुने मेरे आँगन में।
हम बैठेंगे राह में तेरे ,बनकर अनजाने राही
जब तू हमें पुकारेगा ,हो जायेंगे हमराही। .......
"एकलव्य "
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