tag:blogger.com,1999:blog-5383540233352593350.post164257095666071501..comments2023-10-31T21:10:05.334+05:30Comments on "एकलव्य" : मैं हूँ अधर्मी !'एकलव्य'http://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5383540233352593350.post-83858013263140978792021-05-24T19:43:09.925+05:302021-05-24T19:43:09.925+05:30"अब बता ! मुझको अभी
तूं किस माटी का धर्म है ..."अब बता ! मुझको अभी <br />तूं किस माटी का धर्म है ?<br />ना मैं हिन्दू !<br />ना मैं मुस्लिम !<br />मानवता ही धर्म है !"<br /><br />धर्म की सटीक परिभाषा प्रस्तुत कर दी आपने आदरणीय सर। वाह! <br />सत्य को पुनः प्रस्तुत कर दिया आपकी लेखनी ने। <br />आज हम आडंबरों को धर्म का नाम देकर जिस कट्टरता से उनका पालन करते हुए एक दूसरे को नीचा दिखाकर वास्तविक धर्म का जिस प्रकार गला घोंट रहे हैं यदि वह धर्म है तो हम अधर्मी ही भले। आपकी लेखनी को बारंबार प्रणाम 🙏 Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.com